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बदला न अपने आपको जो थे वही रहे Ghazal - निदा फ़ाज़ली

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निदा फ़ाज़ली की यह गजल Ghazal "बदला न अपने आपको" मेरी पसंदीदा ग़ज़लों में से एक है। इसका ये शेर 'जिसमें खिले हैं फूल" तो बहुत ही अच्छा है। आप भी पढ़ें यह खूबसूरत गजल Ghazal- बदला न अपने आपको जो थे वही रहे। मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे॥ अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी। हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे॥ दुनिया न जीत पाओ तो हारो न ख़ुद को तुम। थोड़ी बहुत तो जे़हन में नाराज़गी रहे॥ गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो। जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे॥ हर वक़्त हर मक़ाम पे हँसना मुहाल है। रोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे॥ ~निदा फ़ाजली मुझे उम्मीद है, आपको यह गजल Ghazal पसंद आयी होगी। यह भी पढ़ें :   वही होता है जो मंजूर-ए-ख़ुदा होता है

नवरात्रि पर्व का माहात्म्य : आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

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नवरात्रि ( नवरात्र शुद्ध है) पर्व देवी / शक्ति की पूजा का विशेष पर्व है जिसे पूरे भारत में हर्षोल्लास एवं आस्था पूर्वक मनाया जाता है। नवरात्रि में नौ दिन का व्रत रखने, पूजन-हवनादि करने  व नियम-संयम पूर्वक रहने से देवी माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शक्ति की उपासना का यह पर्व वैदिक काल के भी पूर्व से मनाया जा रहा है और यह परंपरा देवनदी की अजस्र, अविरल धारा की भाँति अधुनातन प्रवहमान है। ॐ दुर्गा देव्यै नमोस्तुते! चित्र साभार: स्पीकिंगट्री.इन   नवरात्रि का पर्व मुख्यत: वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र मास में वासंतिक नवरात्र और पुनः आश्विन मास में शारदीय नवरात्र। उत्तर भारत के कुछ स्थानों पर आषाढ़ माह में 'आषाढ़ी' नवरात्र भी होता है। शारदीय नवरात्र शरद ऋतु के आरंभ में आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि को आरंभ होता है और नवमी तिथि तक चलता है। प्रतिपदा तिथि को कलश-स्थापना की जाती है और नौ दिन विधि-विधान पूर्वक पूजन व दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। पूजनोपरांत नवमी तिथि को हवन की जाती है। दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष नवरात्रारम्भ अँग्रेजी त...

हिन्दी में सर्वप्रथम

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हिन्दी भाषा मूलतः देववाणी संस्कृत से निष्पन्न हुई है। अपने विकासक्रम में यह विभिन्न पड़ावों से गुजरती हुई आज वर्तमान स्वरूप में हमारे सामने है। ऐसे में हिंदी भाषा से संबंधित विभिन्न ' सर्वप्रथम ' तथ्यों को जानना दिलचस्प होगा। हिन्दी के प्रथम कवि , साहित्यकार , हिन्दी का प्रथम नाटक , हिन्दी का प्रथम समाचार-पत्र , हिन्दी की पहली कहानी आदि ऐसे ही तथ्य हैं जिनके बारे में हम यहाँ जानेंगे। प्रस्तुत है ' हिन्दी में सर्वप्रथम ' की एक सारगर्भित सूची- हिन्दी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग   -     अमीर खुसरो हिन्दी का प्रथम कवि   -     सरहपाद हिन्दी की प्रथम कवयित्री   -     मीराबाई हिन्दी के प्रथम गीतकार   -     विद्यापति हिन्दी की प्रथम   महिला कथाकार-       बंग महिला हिन्दी का प्रथम ग्रंथ-       पउमचरिउ   ...