हिंदी महीनों के नाम | Months name in Hindi

क्या आपको कभी हिंदी महीनों के नाम और हिंदू पंचांग के विषय में जिज्ञासा हुई है? 

यदि हाँ तो आइए जानते हैं हिन्दू पंचांग और हिंदी महीनों के बारे में कुछ रोचक तथ्य।

सुविधा के लिए अंग्रेजी महीनों के नाम हिंदी में (months name in hindi) भी दिए गए हैं।




भारतीय पंचांग के अनुसार नववर्ष का आरंभ अंग्रेजी माह (ईसवी सन्) मार्च-अप्रैल के बीच चैत्र नामक मास से होता है। इस महीने का नाम चैत्र इसलिए रखा गया क्योंकि इस माह की पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है। चित्रा से हुआ चैत्र। इसी प्रकार विशाखा से वैशाख, ज्येष्ठा से ज्येष्ठ इत्यादि। 

अर्थात् जिस माह की पूर्णमासी को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उस माह का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर होता है।

इस तरह कुल 12 हिंदी महीने होते हैं।

प्रत्येक महीने में 15-15 दिनों (तिथियों) के दो पक्ष होते हैं-
  • शुक्ल पक्ष 
  • कृष्ण पक्ष
शुक्ल पक्ष में प्रथमा से चतुर्दशी तक 14 तिथियाँ होती हैं। चतुर्दशी तिथि के पश्चात् 15वीं तिथि पूर्णिमा होती है। इसके बाद फिर प्रथमा तिथि आ जाती है।

कृष्ण पक्ष का आरम्भ पूर्णिमा के बाद की प्रथमा तिथि से होता है। शुक्लपक्ष की ही भाँति पुनः प्रथमा से चतुर्दशी तक 14 दिन और उसके बाद अमावस्या होती है।

यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है कि हिन्दू पंचांग (कैलेण्डर) में अँगरेजी महीनों की भाँति महीने अलग-अलग दिनों के (फरवरी 28-29, अन्य 30-31) न होकर समान रूप से 30 दिनों के होते हैं। 

चान्द्र मास और सौर मास के मध्य के अंतर को समायोजित करने के लिए हर तीन वर्ष में एक अधिकमास अथवा मलमास आता है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है।


हिंदी महीनों के नाम (Hindi mahino ke naam) और उनकी समयावधि की पूरी सूची यहाँ देखें


हिन्दी महीने
क्रम
हिन्दी महीने
अंग्रेजी महीने
चैत्र
मार्च-अप्रैल
वैशाख
अप्रैल-मई
ज्येष्ठ
मई-जून
आषाढ़
जून-जुलाई
श्रावण
जुलाई-अगस्त
भाद्रप्रद
अगस्त-सितम्बर
आश्विन
सितम्बर-अक्टूबर
कार्तिक
अक्टूबर-नवम्बर
मार्गशीर्ष
नवम्बर-दिसम्बर
१०
पौष
दिसम्बर-जनवरी
११
माघ
जनवरी-फरवरी
१२
फाल्गुन
फरवरी-मार्च

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